प्रेम

आलोक कौशिक (अंक: 175, फरवरी द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

प्रेम है तो प्यास है 
प्रेम ही विश्वास है 
प्रेम है तो ईश्वर है 
प्रेम ही अरदास है 
 
प्रेम ही परमानंद
यह परम योग है 
प्रेम ही परमात्मा 
यह परम संयोग है 
 
प्रेम ही है अवनि 
प्रेम से आकाश है 
प्रेम ही है अग्नि 
प्रेम से प्रकाश है 
 
प्रेम ही चंद्रमा 
प्रेम ही रवि है 
प्रेम ही परमांगना 
प्रेम ही कवि है 

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