मसअले मेरे सभी हल हो गए

01-06-2023

मसअले मेरे सभी हल हो गए

इरफ़ान अलाउद्दीन (अंक: 230, जून प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

बहरे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
फ़ाइलातुन  फ़ाइलातुन फ़ाइलुन
 
2122    2122    212
 
मसअले मेरे सभी हल हो गए
जो क़रीबी थे वही शल हो गए
 
दूर रह कर पास रहते थे मेरे 
यार मेरे सारे अड़ियल हो गए
 
दूरियाँ ही दूरियाँ है प्यार में 
इश्क़ कर के आज हम कल हो गए
 
जो दिखाई दे रहे है आँख में 
आँसु मेरे आज कलिमल हो गए
  
शल= असंवेदनशील 
कलिमल= पाप,कलुष 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

ग़ज़ल
नज़्म
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में