मदरसे में ये पढ़ा जाता नहीं 

01-02-2023

मदरसे में ये पढ़ा जाता नहीं 

इरफ़ान अलाउद्दीन (अंक: 222, फरवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

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मदरसे में ये पढ़ा जाता नहीं 
तुम मुअल्लिम इश्क़ के हो तो नहीं
 
यार की तकरार दिल से जब लगी
बह गये जो अश्क़ तुम वो तो नहीं
 
दर्स देते फिर रहे हो शहर में
ख़ुशबु तुम उस मुश्क़ की हो तो नहीं
 
बज़्म में क्यों आए हम क्या बात है
साज़ वाले शख़्स तुम हो तो नहीं
 
क्या भला होगा हमारा तू बता 
राज वाले तख़्त तुम हो तो नहीं
 
जान ओ दिल क्यो फ़िदा अब मैं करूँ
साथ दे जो वक़्त तुम वो तो नहीं
 
मुअल्लिम=अध्यापक, शिक्षक, गुरू, उपदेशक, इल्म सिखाने वाला

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