बेवफ़ाओं से मुहब्बत 

01-04-2023

बेवफ़ाओं से मुहब्बत 

इरफ़ान अलाउद्दीन (अंक: 226, अप्रैल प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

बहरे रमल मुरब्बा सालिम 
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन 
2122       2122
 
बेवफ़ाओं से मुहब्बत 
हाँ यही तो है इबादत 
 
कौन है जो ये करेगा
काम की है ये इमामत
 
देखता हूँ जब चहेरा 
याद आती है तिलावत
 
होंठ हिलते तो नहीं है
क्या करूँगा मैं शिकायत
 
मैं अकेला हूँ जहाँ में
साथ दे मेरा क़यामत 
 
हक़्क़ मेरा तो अदा कर 
या ख़ुदा कर तू करामत
 
इमामत=क़ुरआन पढ़ाने का काम; तिलावत=क़ुरआन पढ़ना/ सुनाना

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