आप बीती

15-12-2022

आप बीती

इरफ़ान अलाउद्दीन (अंक: 219, दिसंबर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

बहरे रमल मुरब्बा सालिम
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
 
2122     2122
 
आप बीती मैं सुना कर
शहर को उस के रुला कर 
 
दश्त में मैं चल दिया हूँ 
आशना अपना जला कर 
 
क्यों छुपाते हो मुझे तुम
दोस्त अपना यूँ बता कर
 
क्या कहूँगा माँ पुछेगी
वो कहाँ हैं कुछ पता कर
 
सोचना है कुछ बहाना 
या रब मुझे कुछ अता कर
 
दश्त=मरुस्थल, कानन, वन, जंगल, बयाबान, मैदान, ग़ैर-आबाद इलाक़ा, निर्जन क्षेत्र

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