दृश्यम्

15-09-2022

दृश्यम्

पाण्डेय सरिता (अंक: 213, सितम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

‘रेत पर नदी’ काव्य संग्रह की रचना
 
घर की खिड़कियों से झाँकती, 
रात और रोशनी का संगम! 
निर्जीव दीवारों पर नाचती, 
सजीव दुनिया की जीती-जागती, 
श्वेत-श्यामल परछाइयों का नर्तन! 
आकर्षित, विस्मित बाल-सुलभ
जिज्ञासाओं का मुझमें उद्वेलन! 
ओह ये कैसा परिवर्तन? 
कभी शान्त-स्तब्धता लिए
अनुभवी स्पंदन! 
कभी चंचलता बड़ी गतिशील, 
आईने सा परावर्तन! 
हवाओं के सुर-लय-ताल पर, 
प्रकृति का मधुर गुंजित अभिनंदन! 
दृष्टि और दृश्य का उन्मीलन!! 

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