तुम मैं और तन्हा दिसंबर

15-01-2025

तुम मैं और तन्हा दिसंबर

अजयवीर सिंह वर्मा ’क़फ़स’ (अंक: 269, जनवरी द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

ग़ैर-मुरद्दफ़ ग़ज़ल  (रदीफ़ रहित) 

बहर: रमल मुरब्बा सालिम
अरकान: फ़ाएलातुन फ़ाएलातुन
तक़्तीअ: 2122    2122

 
तुम मैं और तन्हा दिसंबर
और यह मौसम सितमगर
 
शाम जिस की राह देखी
ख़्वाब में आया उभरकर
 
शब अँधेरों में थी आयी
तारों की चादर पहनकर
 
दिल की बेचैनी की ख़ातिर
आया था कूचा टहलकर
 
इस मोहब्बत में ‘क़फ़स’ अब
चीरता है दिल सितमगर

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