तल्ख़ लहजे में हैं मीठी बातें

01-01-2025

तल्ख़ लहजे में हैं मीठी बातें

अजयवीर सिंह वर्मा ’क़फ़स’ (अंक: 268, जनवरी प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

(पाबंद नज़्म) 

 

बहर: मतदारक मुसम्मन महज़ोज़
अरकान: फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़े
तक़्तीअ: 212    212    212    2
 
तल्ख़ लहजे में है मीठी बातें
नर्म नाज़ुक सी वो प्यारी बातें 
 
ज़ाइक़े सारे हैं उस ज़बां पर 
तीखी है फीकी ओ खारी बातें 
 
गुफ़्तगू सब है जो रातों वाली 
साथ दिन भर मेरे चलती बातें
 
भूला बिसरा हूँ मैं आज लेकिन 
याद उसे है बहुत सारी बातें
 
चीर देतीं है क़ल्ब ए 'क़फ़स' वो 
ग़र कसैली ओ ज़हरीली बातें
 
क़ल्ब= हृदय

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