मेरा घर

15-06-2024

मेरा घर

संजय श्रीवास्तव (अंक: 255, जून द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

वह मेरा घर मेरा प्यारा सा घर है
वह मेरा घर मेरा प्यारा सा घर है
 
संघर्षों से लड़कर विजयी होना 
स्नेह मात पिता का सिखाता है
ये भाई बहन का प्यार भी देखो 
प्रीत की नई परिभाषा गढ़ता है
जहाँ प्रेम दादा दादी का और
बच्चों का कलरव गूँजता हो
वह मेरा घर मेरा प्यारा सा घर है
 
जीवन रूपी धूप में शीतल छाया 
मेरी माँ का आँचल है 
सत्य मार्ग पर चलना सिखाता
मेरे पिता का संबल है
जहाँ राष्ट्रप्रेम की अलख 
संस्कृति को अपने में समेटे हो
वह मेरा घर मेरा प्यारा सा घर है
 
उँगली पकड़ दादा की अपने 
पहला क़दम जहाँ रखा है 
दादी के क़िस्से कहानियों में 
अपने को हरदम ढूँढ़ा है 
निःस्वार्थ भाव से दादा-दादी 
जहाँ प्रेम रस घोलते हों 
वह मेरा घर मेरा प्यारा सा घर है
 
नाना नानी के घर की बातें 
कैसे सबको बतलाऊँ मैं 
वह स्नेह प्रेम मस्ती की बातें 
कैसे भला भूल जाऊँ मैं
जहाँ झाबा भर भर आम औरअ
पूरी सब्ज़ी जलेबी मिलती हो
वह मेरा घर मेरा प्यारा सा घर है

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