आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’– मुक्तक 012

01-10-2024

आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’– मुक्तक 012

आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ (अंक: 262, अक्टूबर प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

शिक्षण प्रशिक्षण अध्ययन अध्यापन ज्ञान विज्ञान कविता कला
गुरुजन से हमको ये भाषा ये शैली का वरदान जाने ना क्या-क्या मिला
सुर ताल संगीत जीवन में नवगीत एक बात तुमसे मैं कहता हूँ मन मीत
ऐसे मिलें यदि सफ़र में मुसाफ़िर तो चलता रहेगा सदा सिलसिला॥

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