आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ – मुक्तक 002 

15-05-2024

आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ – मुक्तक 002 

आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ (अंक: 253, मई द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

सच बोलने लगा हूँ तो मिटा कर मुझे कहानी कर दे
निर्मल आनंद कर दे, मुझे बहता हुआ पानी कर दे
मिट्टी की देह मिट्टी से लिपटकर अलंकृत हो जाए
ऐ ज़िन्दगी मुझ पर इतनी तो मेहरबानी कर दे॥

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