आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ – मुक्तक 009
आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’
1.
मेरी जब याद आयेगी तो लौटा आना तुम
हँसने मुस्कुराने में कमी हो तो लौट आना तुम
ऐसा आनंद तुम्हें फिर नहीं मिलेगा कभी
प्यार की प्यास न बुझे तो लौट आना तुम॥
2.
तुझसे क्यों प्यार किया मैं यही गुनाह मेरा
नज़र से बार किया दिल में ये गुनाह मेरा
बिछड़ते वक़्त क्यों वियोग से आँख भर आई
ज़रा सा रो दिया हूँ बस यही गुनाह मेरा॥
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