आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’– मुक्तक 010
आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’
राजगुरु सुखदेव भगत सी ऐसी एक जवानी लिख
जलियाँ वाले बाग़ की घटना, उन आँखों के पानी लिख
कविता प्यार शृंगार लिख चुका वो सब तो नादानी थी
अरे लिखना है तो मेरे दोस्त राणा की अमर कहानी लिख॥
स्वाधीनता के आग की चिंगारी था
शिव था रुद्र था अवतारी था
गोलियों के बल अंग्रेज़ों को छलनी कर गया
वह आज़ाद चंद्रशेखर तिवारी था॥
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