आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ – मुक्तक 007

01-06-2024

आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ – मुक्तक 007

आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ (अंक: 254, जून प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

घर की रौनक़ हैं अपने अभिमान की तरह होती हैं
लड़कियाँ सचमुच भगवान के वरदान की तरह होती हैं
सब के दिलों में सहज ही बना लेती हैं जगह
घर में आये गये एक रोज़ के मेहमान की तरह होती हैं॥

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