आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ – मुक्तक 006

01-06-2024

आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ – मुक्तक 006

आनंद त्रिपाठी ‘आतुर’ (अंक: 254, जून प्रथम, 2024 में प्रकाशित)


1.
तंग आ चुका हूँ बेवफ़ाई भरे ज़माने से
खिलौने खेलूँ तो शायद अच्छा हो जाऊँ मैं
किसी से द्वेष न शिकायत होगी अपनों से कभी 
ऐसी रहमत कर प्रभु फिर से बच्चा हो जाऊँ मैं॥
 
2.
सब मेरे हैं सब का मैं हूँ 
ऐसा अपनापन लौटा दे
अरे ज़िन्दगी तुझसे कहता 
फिर से वो बचपन लौटा दे॥

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