सुना है  सबको  भा  चुका हूँ  मैं

15-11-2021

सुना है  सबको  भा  चुका हूँ  मैं

संदीप कुमार तिवारी 'बेघर’ (अंक: 193, नवम्बर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

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सुना है  सबको  भा  चुका हूँ  मैं। 
बहुत ठोकर अब खा चुका हूँ मैं।
 
उड़ा  करता  था  आसमां में  पर,
ज़मीं पे ख़ुद को  ला चुका हूँ  मैं। 
 
मिले गर  वो  तो  चैन आ  जाए, 
अरे ख़ुद से  उकता  चुका  हूँ  मैं। 
 
तुझे   सपने   आते  'तो'  हैं  मेरे! 
तिरे दर से  अब  जा  चुका हूँ मैं।
 
तुझे  दिल  में  ही  देखता हूँ अब,
तुझे खो कर अब  पा चुका हूँ मैं।

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