रंग सारे खिलें ज़िन्दगी में मेरी
रीता तिवारी 'रीत'स्नेह बरसे, सुमन सा, प्रफुल्लित हो मन।
द्वार दस्तक दे! ख़ुशियों का, संसार हो।
रंग सारे खिलें, ज़िन्दगी में मेरी,
जन्मदिन पर यही, प्यारा उपहार हो।
ना अधूरे हों सपने, हों पूरे सभी।
मेरे मालिक तू, ख़ुशियों की, सौग़ात दे!
लेखनी हो यशस्वी चले अनवरत,
भीग जाऊँ यूँ, ख़ुशियों की बरसात दे!
ना रहे कोई सपना अधूरा मेरा,
कल्पना से भी सुंदर यह संसार हो।
रंग सारे खिलें ज़िन्दगी में मेरी,
जन्मदिन पर यही प्यारा उपहार हो॥1॥
‘रीत’ की प्रीत से, भर दो! जीवन प्रभु,
‘रीत’ ख़ुशियों के आँगन में चहके सदा।
पुष्प सी हो यशस्वी, मेरी जीवनी,
कर्म जीवन की बग़िया में महके सदा।
‘रीत’ संस्कार से, पूर्ण परिवार से,
हो कथानक मेरा, ऐसा किरदार हो।
रंग सारे खिलें, ज़िन्दगी में मेरी,
जन्मदिन पर यही प्यारा उपहार हो॥2॥
ख़ूबसूरत हो जीवन, सुहाना सफ़र,
‘रीत’ करती यही कामना हे! प्रभु।
आए हर साल यूँ ही जन्मदिन मेरा,
‘रीत’ करती यही प्रार्थना हे! प्रभु।
माँगती हूँ यहीं स्नेह सबका मिले,
ख़ुशियों से भरा मेरा संसार हो।
रंग सारे खिलें ज़िन्दगी में मेरी,
जन्मदिन पर यही प्यारा उपहार हो॥3॥
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