मातृ-वंदन

15-05-2023

मातृ-वंदन

डॉ. सुनीता जाजोदिया (अंक: 229, मई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)


शब्द नहीं तू भाव है 
तेरे रहते न अभाव है। 
चंदा सूरज दोनों तू मेरे 
ज़मीं पर तू मेरा आसमाँ है॥
 
ममता की तू अविरल धार
मूरत नहीं तू अवतार है। 
काया चाहे तेरी जर जाए 
करुणा का तू अजस्र प्रवाह है॥
 
संतति पर तू वारे जीवन 
कोख से ही तू पालनहार है
सृष्टि का तू नित्य विकास
मेरा परम विश्वास तू ही है माँ। 

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