डॉ. सुनीता जाजोदिया
जन्म:1965, चेन्नई
शिक्षा:
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एम.ए, (कर्नाटक स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी, मैसूर)
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एम.फिल, पी.एचडी, (मद्रास यूनिवर्सिटी)
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डी.लिट्(मानद) (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ)
संप्रति: एसोसिएट प्रोफेसर (हिंदी)एवं भाषा विभागाध्यक्षा, विमेंस क्रिश्चियन कॉलेज, शिफ़्ट 2, चेन्नई
प्रकाशन: राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में कविताएँ, कहानी, शोध-पत्र, समीक्षा आदि प्रकाशित
प्रकाशित पुस्तकें:
शोध ग्रंथ – सदी संधिकाल के हिंदी उपन्यासों में नारी-मनोविज्ञान
संपादन: सामाजिक पत्रिकाओं का सह-संपादन
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गद्यकुंज
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गुलदस्ता
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साहित्यपथ का अनथक पथिक– रमेश गुप्त नीरद
सम्मान: हिंदी साहित्य सेवी सम्मान, तमिलनाडु हिंदी साहित्य अकादमी, चेन्नई (2011)
संबद्धता:
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कार्यकारिणी सदस्य, अनुभूति, चेन्नई
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पूर्व-कार्यकारिणी सदस्य, अग्रवाल समाज, चेन्नई
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सदस्य, रोटरी क्लब ऑफ नोबल हार्ट्स,चेन्नई
लेखक की कृतियाँ
- कविता
- लघुकथा
- साहित्यिक आलेख
- कहानी
- कार्यक्रम रिपोर्ट
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- अनुभूति की आठवीं 'संवाद शृंखला' में बोले डॉ. बी.एस. सुमन अग्रवाल: ‘हिंदी ना उर्दू, हिंदुस्तानी भाषा का शायर हूँ मैं’
- अनुभूति की ‘गीत माधुरी’ में बही प्रेमगीतों की रसधार
- डब्लूसीसी में उत्कर्ष '23 के अंतर्गत हिंदी गद्य लेखन कार्यशाला एवं अंतर्महाविद्यालयीन प्रतियोगिताओं का आयोजन
- डब्लूसीसी में डॉ. सुनीता जाजोदिया का प्रथम काव्य संग्रह: ‘ज़िन्दगी का कोलाज’ का लोकार्पण
- तुम्हारे क़दमों के निशान दूर तक चले लो मैंने बदल ली राह अपनी: मेरी सृजन यात्रा में मोहिनी चोरड़िया से संवाद
- मैं केवल एक किरदार हूँ, क़लम में स्याही वो भरता है: अनुभूति की पंचम ‘संवाद शृंखला’ में बोले रमेश गुप्त नीरद
- व्यंग्य का प्रभाव बेहद मारक होता है: अनुभूति की पंचम संवाद शृंखला में बीएल आच्छा ने कहा
- श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन और चिंतन-मनन आवश्यक: अनुभूति की चतुर्थ ‘संवाद शृंखला’ में बोले डॉ. दिलीप धींग
- श्रेष्ठ साहित्य का अध्ययन और चिंतन-मनन आवश्यक: अनुभूति की तृतीय ‘संवाद शृंखला’ में बोले डॉ. दिलीप धींग
- सच्ची कविता स्वांत: सुखाय की अभिव्यक्ति है, इसमें कोई मायाजाल नहीं होता: अनुभूति की द्वितीय ‘संवाद शृंखला’ में बोले डॉ. ज्ञान जैन
- सृजन यात्रा में अब तक नहीं पाई संतुष्टि: अनुभूति की प्रथम 'संवाद शृंखला' में बोले प्रहलाद श्रीमाली
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