विदाई

मनोज शाह 'मानस' (अंक: 183, जून द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

1. 
कितना ख़ुश 
बेटी विवाह वक़्त 
फ़ुर्सत नहीं 
 
2. 
हर रस्म को 
बचपन ज़ख़्म को 
निभा रहा है 
 
3. 
बेटी का पिता 
आई विदाई बेला 
सँभाला नहीं 
 
4. 
ख़ुद को पिता 
लड़खड़ाते पग 
आँखों में नम 
 
5. 
बेटी का सर 
हाथ फेर आया वो 
मुँह में शब्द 
 
6. 
निःशब्द हुआ 
हाथ आशीर्वाद का 
उठाया वह 
 
7. 
फफक कर
रो भी न पाया वह 
पिता बेटी का 
 
8. 
दिल ही दिल 
रोया बहुत वह 
जन्मदाता था 
 
9. 
पालक था वो 
हर अठखेली का 
गवाह भी था 
 
10. 
बेटी विदाई 
हो गया खाली हाथ 
पिता अकेला

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