मेरे   दिल   में   भी  आ  के  रहा  कीजिए

01-06-2021

मेरे   दिल   में   भी  आ  के  रहा  कीजिए

संदीप कुमार तिवारी 'बेघर’ (अंक: 182, जून प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

222  /  222  /  212  /  212
 
मेरे   दिल   में   भी  आ  के  रहा  कीजिए,
बन के  आँखों  से  शबनम  बहा  कीजिए।
 
ग़म   से   नाता   मेरा   दूर  तक  है  सनम,
हम से  ग़म को  भी  अपने  बयां  कीजिए।
 
यूँ   तो   माना    ये   है     ज़िंदगी   बेवफ़ा, 
मेरी  जां  सबसे  फिर  भी  वफ़ा  कीजिए।
 
दिल  के  मारे  ही   हैं  इस  शहर  में  सभी,   
दर्दो   ग़म  अपने   दिल  में  सहा  कीजिए।
 
देखो  'बेघर'  क्या  है  बात  सब  को  पता, 
फिर भी महफ़िल में कुछ ना कहा कीजिए।

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