टूटे दिलों की, बातें न करना

01-08-2024

टूटे दिलों की, बातें न करना

सुशीला श्रीवास्तव  (अंक: 258, अगस्त प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

22    122    22    122
 
टूटे दिलों की, बातें न करना
गुमसुम न रहना, आहें न भरना
 
कुछ तो जगाओ, अरमान दिल के
आँखों में यूँ ही, आँसू न भरना
 
सब को मुहब्बत, मिलती नहीं है
पाने की ख़ातिर, पल-पल न मरना
 
दुश्वारियाँ तो, आती रहेंगी
पर मुश्किलों से, बिल्कुल न डरना
 
गिरते हैं जो भी, उठते हैं वो भी
सो हारने पर, तुम ग़म न करना
 
कैसे कटेगा, ये सारा जीवन
बस बात करना, करना न धरना

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