फिर आया मतदान
सुशीला श्रीवास्तव
काम करो यदि नेक तुम, जनता देगी वोट
क्यों सत्ता के लोभ में, बाँट रहे हो नोट
जागो नेता देश के, आया फिर मतदान
जनता वैभव चाहती, बन जाओ वरदान
जनहित का ही भाव हो, मानवता ही मूल
चुन जाने के बाद पर, मत जाना तुम भूल
इधर–उधर की बात में, उलझे हो दिन–रात
हार-जीत के खेल में बिछती रोज़ बिसात
काम करे निष्काम जो, मिले सदा सम्मान
दुनिया उनको पूजती, देती उन पर जान
नेता ऐसा चाहिए, जिसमें हो सद्भाव
डंका बाजे देश में, छोड़े ज़रा प्रभाव
नेता अगर उदार हो, जोड़े दिल का तार
होती है जयकार भी, जगमग हो संसार
विकसित अपना देश हो, भली मिले सरकार
जनता की मंशा यही, करना ज़रा विचार
नेता मिले महान तो, ख़ुशियाँ मिले अथाह
किन्तु विरोधों से भरी, राजनीति की राह
शोषण होता रोज़ ही, नारी रोये आज
बात न्याय की हो सदा, चाहे सकल समाज॥
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