प्रेम

अरुण कुमार प्रसाद (अंक: 241, नवम्बर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 
प्रेम का मन कविता है 
इसकी देह कविता की अभिव्यक्ति
रचता रहा है एक कथा 
सुख से सुंदर 
या विचलित होकर व्यथा। 
नेह प्रफुल्लित हो तो 
परवाह चिंतित हो तो
जीता हुआ प्रेम है। 

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