अरुण कुमार प्रसाद - 4
अरुण कुमार प्रसाद1.
शांति के लिए
इतिहास का युद्ध
शांति हताश
2.
रक्त में डूबा
युद्ध का इतिहास
दर्प ज़िंदा है
3.
प्राण का नहीं
युद्ध कल्याण का हो
जियो, जीने दो
4.
अलौकिक था
रची जब गयी थी
सृष्टि का भोर
5.
खगों का प्रेम
चले जीवन भर
तलाक़ को ना
6.
लड़ते रहे
आज भी बेवजह
पति व पत्नी
7.
सागर सोचे
हिम शिखर छूएँ
माथा पटके
8.
ये आविष्कार
अभागा है बहुत
युद्ध लड़ेगा
9.
शांति के लिए
शांति सुलगाते हैं
मिलती नहीं
10.
शांति के लिए
युद्ध सुलगाते हैं
मिलती नहीं
11.
जितना जियो
रहता है अधूरा
लिप्सित लोभ
12.
कवि श्रीमान!
आशय या कथन?
योद्धा कि भाट
13.
नींद न आयी
दु:ख के कारण ही
ख़ुशी मारे भी