नाम लिक्खा छुरी, जिसने छूरी नहीं

15-10-2021

नाम लिक्खा छुरी, जिसने छूरी नहीं

निज़ाम-फतेहपुरी (अंक: 191, अक्टूबर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

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फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
 
नाम लिक्खा छुरी, जिसने छूरी नहीं
हमसे क़ाबिल हो वो, ये ज़रूरी नहीं
 
बन गए क्यों ग़ज़ल के बहुत से नियम
जानकारी किसी को थी पूरी नहीं
 
इतना आसाँ नहीं, सीखना शायरी
लफ़्ज़ कम बात हो, पर अधूरी नहीं
 
राह अपनी अलग, सोच अपनी अलग
फिर भी अपनी किसी, से है दूरी नहीं
 
काम शायर का बस, सच है कहना 'निज़ाम'
करना दरबार में, जी-हुज़ूरी नहीं

— निज़ाम-फतेहपुरी

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