ख़ूबसूरत हैं तो होने दो नज़र में मेरे नइं

15-09-2022

ख़ूबसूरत हैं तो होने दो नज़र में मेरे नइं

निज़ाम-फतेहपुरी (अंक: 213, सितम्बर द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

ये बहर- बहरे-रमल की मुज़ाहिफ़ शक्ल है
वज़्न-   2122  2122  2122  212
अरकान- फ़ाइलातुन, फ़ाइलातुन, फ़ाइलातुन, फ़ाइलुन

 
ख़ूबसूरत हैं तो होने दो नज़र में मेरे नइं।
यूॅं किसी से झूठ कह दूॅं ये हुनर में मेरे नइं॥
 
तुम कहीं अपना चलाओ जाके जादू हुस्न का।
औरों को होगी ज़रूरत तेरी घर में मेरे नइं॥
 
ज़िंदगी तो एक धोका है फ़ना होंगे सभी।
हैं मुसाफ़िर सब कोई साथी सफ़र में मेरे नइं॥
 
सच हमेशा कहता हूॅं मैं लड़ता हूॅं सच के लिए।
बस ख़ुदा का डर है डर दुनिया का डर में मेरे नइं॥
 
जो अगर कुछ सीखना है तुमको मुझसे ऐ 'निज़ाम'।
तो अदब से पास बैठो मेरे सर में मेरे नइं॥

— निज़ाम फ़तेह्पुरी

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