हम तो समझते थे  हम एक उल्लू हैं

15-02-2022

हम तो समझते थे  हम एक उल्लू हैं

निज़ाम-फतेहपुरी (अंक: 199, फरवरी द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

221 221 22 1222
अरकान- मफ़ऊल मफ़ऊल फ़ैलुन मुफ़ाईलुन
 
हम तो समझते थे  हम एक उल्लू हैं
जब रात घूमे  दिखे  अनेक  उल्लू हैं

इन उल्लुओं में भी कुछ फ़ेक  उल्लू हैं
सच्चे हैं जो  बाई  मिसटेक  उल्लू हैं
 
महफ़िल में उल्लू कि हर एक उल्लू हैं
फ़र्ज़ी है  डिग्री  जो  बी टेक  उल्लू हैं
 
इस दौरे  उल्लू  में  उल्लू  ही उल्लू हैं
तुम ही नहीं उल्लू  इक सेक उल्लू हैं
 
फ़स्ल-ए बहाराँ है देखो निज़ाम उल्लू
मुमकिन है सब जब तलक नेक उल्लू हैं

—  निज़ाम-फतेहपुरी

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