देश में है गुड फ़ीलिंग
आत्माराम यादव ‘पीव’
गुडफ़ीलिंग एक ऐसा भाव है जो आभास करने वाले व्यक्ति के जीवन को रोमांचक बना देता है। माता-पिता को बुढ़ापे में बच्चों का भरपूर प्यार-दुलार और देख-भाल मिल जाये तो यह उनके लिये गुडफ़ीलिंग है। प्रेमी-प्रेमिका का प्रेम परवान चढ़े और जब दोनों की राह के सारे काँटे हट जायें और वे प्रेमबन्धन बन जायें तो यह उनके लिये गुडफ़ीलिंग हो सकती है। जिसे जो अपेक्षा है वह पूरी हो जाये, सम्बन्धों का मधुरमय बना रहना, विद्यार्थी का अपेक्षानुसार परीक्षा परिणाम आना, बेरोज़गार को सरकारी नौकरी या अच्छे संस्थान में नौकरी उसके लिये गुडफ़ीलिंग है। बेटे की शादी में सुशील, संस्कारवान, आज्ञाकारी बहू सास-श्वसुर के लिये गुडफ़ीलिंग ही है। ऐसे अनेक अवसर है जहाँ गुडफ़ीलिंग मिलते ही इच्छायें आकाश को छूने लगें तब गुडफ़ीलिंग का एहसास होता है।
गुड फ़ीलिंग शब्द से अनभिज्ञ एक बालक अपने पिता से पूछता है कि पिताजी यह गुड फ़ीलिंग क्या है? मेरी समझ नहीं आता। पिता बेटे को समझाता है कि बेटा यह गुड फ़ीलिंग एक सरकार और जनता के बीच के अच्छे सम्बन्धों को लेकर समझ सकते हैं। जिसमें सरकार राम राज्य का एहसास कराये और जनता उसी राज्य में स्वयं को बहुत ही आनन्द और ख़ुशी से महसूस करे। दोनों एक दूसरे के प्रति जबाबदेह रहें और जनता पर आने वाली किसी भी विपदा में सरकार और उसकी क़ानून व्यवस्था, त्वरित ही मदद देकर उसकी समस्या का निदान करें।
पिता के समझाने के बाद बेटे के कुछ समझ नहीं आया तो वह बोला, “पिताजी मुझे उदाहरण देकर समझाइये जैसे स्कूल में मास्टर जी उदाहरण देकर हर बात को रटा देते हैं।”
पिता ने गुडफ़ीलिंग को लेकर उदाहरण में बेटे से कहा, “मान लीजिए हमारा घर एक देश है। मैं घर का मुखिया हूँ यानी सरकार का प्रमुख हूँ। सरकार का प्रमुख होने से पूरे देश की जबावदारी मुझ पर है। तुम्हारी माँ घर देखती है, घर का बजट उसके हाथ में—क्या लाना है, क्या नहीं? घर में जिस बात की ज़रूरत हो वह उसको पूरा करती है। साथ ही घर के हरेक सदस्य का ख़्याल रखती है कि किसे क्या खाना-पहनना है, कहाँ आना-जाना है। वैसी ही वह व्यवस्था घर के सदस्यों के लिये जुटाती है, उसके काम में किसी को कोई रोक-टोक नहीं है। वह घर में स्वतंत्र प्रभार रखने वाली है यानी तुम उन्हें इस देश की गृहमंत्री के साथ क़ानून मत्री में कह सकते हो। अपने घर में जो बरतन साफ़ करने वाली, कपड़े धोने वाली, खाना बनाने वाली जो बाई आती है तुम उन्हें इस देश के कर्मचारी या देश की जनता मानकर चलो जिनके रोज़गार आदि की व्यवस्था का दायित्व सरकार पर यानी मुझ पर है। तुम्हारा जो छोटा भाई है वह इस देश का आने वाला कल यानी देश का भविष्य है जो आगे चलकर इस देश की मुख्यधारा में रहकर देखभाल करेगा। तुम देश के वर्तमान हो यानी आज के युवा हो अथवा विपक्ष हो जो सरकार की ग़लत नीतियों एवं कार्यक्रमों पर पैनी नज़र डालकर उनके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाते आये हो।”
दोपहर में बेटा अपने पिता की गुड फ़ीलिंग की बात समझाने के तरीक़े से प्रभावित ही नहीं हुआ बल्कि अच्छी तरह समझ चुका था।
आधी रात को बेटे की नींद खुली तो देखा उसका छोटा भाई रो रहा था। उसने बिस्तर गंदा कर दिया था और गंदगी में होने से उसे नींद नहीं आ रही थी और वह साफ़-सुथरा सूखा बिस्तर न होने से बैचेन था। इसलिये बच्चे ने रोकर अपनी माँ को जगाना चाहा ताकि उसे सूखा बिस्तर मिल जाये, लेकिन उसके रोने का असर माँ की नींद पर नहीं पड़ा और वह गहरी नींद में खर्राटे भर रही थी। उसने बहुत प्रयास किया कि माँ को उठाये लेकिन माँ गहरी नींद में सोयी हुई थी। वह मदद के लिये पिताजी के कमरे की ओर दौड़ा लेकिन पिता उसे अपने बिस्तर पर नहीं मिले। बेटा मदद के लिये भागकर नौकरानी के कमरे में पहुँचा तो देखता है कि उसके पिता नौकरानी के साथ प्रेम की पींगे हाँक कर उसकी बाँहों में थे। बेटा थक-हारकर लौट आया उसे उसके छोटे भाई के रोने पर मदद के सारे दरवाज़े बंद होने से बड़ी कोफ़्त हुई।
अगली सुबह बेटा अपने पिता के पास था और बोला, “पिताजी मैं गुडफ़ीलिंग को अब पूरी तरह समझ चुका हूँ।”
पिताजी ने उसे शाबाशी दी और कहा, “आख़िर बेटे किसके हो! समझ क्यों नहीं आयेगी, जब पापा ने इतने अच्छी तरह से समझाया है तो समझ तो आएगी ही। अच्छा बताओ तुम क्या समझे हो।?”
बेटे ने कहा, “पिताजी रात ही मुझे गुडफ़ीलिंग का मतलब समझ आया।”
पिताजी ने खींसे निपोरते हुए पूछा, “क्या समझ आया है ज़रा बताओ।”
बेटे ने कहा कि आप अकेले को सुनाऊँँ या मम्मी जी को भी सुनाऊँ।
पिता ने कहा, “नहीं, तुम पहले मुझे सुनाओ फिर शाम को ठीक लगा तो तुम्हारी मम्मी को यानी पूरे घर के लोगों को या देश की सरकार के सामने यह बात रखी जायेगी और तुम्हें सरकार सम्मानित करेगी।”
बेटे ने कहा, “पिताजी रात के दो बजे होंगे, छोटा भाई बुरी तरह रो रहा था जिसके कारण मेरी नींद खुल गयी और मैं अपने बिस्तर से उठकर मम्मी के पास पहुँचा ताकि वे उसे ठीक से सुला सके। मम्मी के बिस्तर पर जाकर मैंने देखा कि इस देश का भविष्य यानी मेरे छोटे भाई ने बिस्तर को गंदा कर दिया है और वह गंदा और गीला है, जिससे छोटे भाई रो रहा था। मैं समझ गया कि मेरा छोटा भाई इस देश का भविष्य है और वह गंदगी में छटपटाता रहा है, तब मैंने उसे गंदगी से बाहर निकालने के लिये प्रयास शुरू किये। मैंने देश की गृह और क़ानून मंत्री यानी माँ के पास गुहार लगायी जो गहरी नींद में खर्राटे भर रही थी। मैंने उन्हें ख़ूब हिलाया-डुलाया आवाज़ दी लेकिन गृहमंत्री के कानों में ज़ू तक नहीं रेंगी और देश का क़ानून कुम्भकरण की नींद सोया हुआ था। तब मैं सरकार के प्रधान मुखिया मतलब आपसे मदद लेने पहुँचा लेकिन क्या देखता हूँ कि मुखिया अपने बिस्तर पर नहीं था और वह देश की जनता यानी कर्मचारी बनाम नौकरानी का शोषण कर रहा है। इस तरह बीती रात ही मैंने जान लिया कि पूरा देश गुड फ़ीलिंग में है। देश का गृह और क़ानून मंत्री गहरी नींद में सो रहा था, उसे नींद में सुख मिल रहा था। जनता अपने शोषण से ख़ुश थी। देश का आने वाला कल जिसे देश का भविष्य कहा गया था वह बिस्तर में मदद न मिलने से बेबस था और वह गंदगी में पड़ा था जिसकी मदद के लिये कोई नहीं था, सरकार नदारद थी और देश का युवा यानी मैं स्वयं जिसे वर्तमान भी कहा गया सरकार से लेकर गृह, क़ानून, जनता के पास पहुँचा मदद की गुहार लिए पहुँचा लेकिन सब अपनी अपनी ख़ुमारी में थे और उसकी सुनने वाला कोई नहीं था। सभी गुडफ़ीलिंग में मस्त हैं।”
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