भिक्षुणी

भिक्षुणी  (रचनाकार - दिनेश कुमार माली)

चतुर्थ भाग

 

उसके उसके बाद की घटना इस तरह से–

मैं और कुसुम दोनों बौद्ध भिक्षुणियाँ ट्रेन में यात्रा करते समय सामूहिक बलात्कार की शिकार हुई। 

यह ख़बर भारत के सभी अख़बारों में प्रकाशित हुई। केवल इतना ही नहीं, सरकारी अस्पतालों में हमारी चिकित्सा चल रही थी, उसी समय हम दोनों को संघ से बहिष्कृत कर दिया गया। 

हम न भिक्षुणी रही और न ही गृहणी। 

हम न समाज की रही और न ही संघ की। 

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