भिक्षुणी (रचनाकार - दिनेश कुमार माली)
मूल लेखक परिचयभिक्षुणी
मूल ओड़िया: सुप्रिया मलिक
अनुवाद: दिनेश कुमार माली
प्रख्यात मूल ओड़िया लेखिका सुप्रिया मलिक का जन्म भुवनेश्वर में नवंबर 1963 में हुआ था। आपके पिताजी का नाम प्रह्लाद मलिक और माताजी का नाम श्रीमती शान्ति प्रिया जेना था। उनके पाँच बच्चों में लेखिका का स्थान दूसरे नंबर पर है। आपके पिताजी ओड़िशा के अत्यंत लोकप्रिय राजनेता थे और पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के काफ़ी क़रीबी माने जाते थे। पेशे से ओड़िशा एजुकेशन सर्विस में क्लास वन ऑफ़िसर थी। डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफ़िसर के रूप में आपने ओड़िशा के अनेक ज़िलों में एजुकेशन सिस्टम पर काम किया और बाद में वॉलेंटरी रिटायरमेंट लेकर कृषि, सामाजिक कल्याणकारी और ओड़िया साहित्य पर काम करना शुरू किया। आप अपने स्कूल के ज़माने से कहानी लिखती हैं। लघु कहानियाँ, अंग्रेज़ी से अनुवाद, उपन्यास, बायोग्राफी और आलेखों पर आधारित 10 किताबें प्रकाशित हुई हैं, जिनमें ‘हिन्दू नारीर उत्थान ओ पतन’, ‘निदाघ’, ‘एका-एका’, ‘माटीर कथा’, ‘बारिद के हस’, ‘बुद्ध नुहे’, ‘भिक्षुणी’, ‘फल्गु (जीवनी) ’, ‘अपन्तरा र पथचारी’ प्रमुख हैं।
आगे : कथारम्भ >>विषय सूची
लेखक की कृतियाँ
- साहित्यिक आलेख
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- अमेरिकन जीवन-शैली को खंगालती कहानियाँ
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की ‘विज्ञान-वार्ता’
- आधी दुनिया के सवाल : जवाब हैं किसके पास?
- कुछ स्मृतियाँ: डॉ. दिनेश्वर प्रसाद जी के साथ
- गिरीश पंकज के प्रसिद्ध उपन्यास ‘एक गाय की आत्मकथा’ की यथार्थ गाथा
- डॉ. विमला भण्डारी का काव्य-संसार
- दुनिया की आधी आबादी को चुनौती देती हुई कविताएँ: प्रोफ़ेसर असीम रंजन पारही का कविता—संग्रह ‘पिताओं और पुत्रों की’
- धर्म के नाम पर ख़तरे में मानवता: ‘जेहादन एवम् अन्य कहानियाँ’
- प्रोफ़ेसर प्रभा पंत के बाल साहित्य से गुज़रते हुए . . .
- भारत के उत्तर से दक्षिण तक एकता के सूत्र तलाशता डॉ. नीता चौबीसा का यात्रा-वृत्तान्त: ‘सप्तरथी का प्रवास’
- रेत समाधि : कथानक, भाषा-शिल्प एवं अनुवाद
- वृत्तीय विवेचन ‘अथर्वा’ का
- सात समुंदर पार से तोतों के गणतांत्रिक देश की पड़ताल
- सोद्देश्यपरक दीर्घ कहानियों के प्रमुख स्तम्भ: श्री हरिचरण प्रकाश
- पुस्तक समीक्षा
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- उद्भ्रांत के पत्रों का संसार: ‘हम गवाह चिट्ठियों के उस सुनहरे दौर के’
- डॉ. आर.डी. सैनी का उपन्यास ‘प्रिय ओलिव’: जैव-मैत्री का अद्वितीय उदाहरण
- डॉ. आर.डी. सैनी के शैक्षिक-उपन्यास ‘किताब’ पर सम्यक दृष्टि
- नारी-विमर्श और नारी उद्यमिता के नए आयाम गढ़ता उपन्यास: ‘बेनज़ीर: दरिया किनारे का ख़्वाब’
- प्रवासी लेखक श्री सुमन कुमार घई के कहानी-संग्रह ‘वह लावारिस नहीं थी’ से गुज़रते हुए
- प्रोफ़ेसर नरेश भार्गव की ‘काक-दृष्टि’ पर एक दृष्टि
- वसुधैव कुटुंबकम् का नाद-घोष करती हुई कहानियाँ: प्रवासी कथाकार शैलजा सक्सेना का कहानी-संग्रह ‘लेबनान की वो रात और अन्य कहानियाँ’
- सपनें, कामुकता और पुरुषों के मनोविज्ञान की टोह लेता दिव्या माथुर का अद्यतन उपन्यास ‘तिलिस्म’
- बात-चीत
- ऐतिहासिक
- कार्यक्रम रिपोर्ट
- अनूदित कहानी
- अनूदित कविता
- यात्रा-संस्मरण
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- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 2
- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 3
- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 4
- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 5
- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 1
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