एक दिल सीने में
राघवेन्द्र पाण्डेय 'राघव'एक दिल सीने में
ख़ुशियों से पला रक्खे हुए हैं
हम जतन से प्यार का
हर मामला रक्खे हुए हैं
भव्य, आलीशान बंगलों से
नज़र थोड़ी हटा
देखो इधर भी हम
सलोना घोंसला रक्खे हुए हैं
कौन है जो रोक सकता
इस जवाँ दिल को अभी
यह आग भी पी जाएगा
यह हौंसला रक्खे हुए हैं
आज मेरे चाहने वाले
हज़ारों हैं ज़नाब
हम सफ़र में साथ अपने
काफ़िला रक्खे हुए हैं