तू प्रहार कर 

15-01-2025

तू प्रहार कर 

डॉ. अंकिता गुप्ता (अंक: 269, जनवरी द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

तू है नहीं असहाय, 
तू है नहीं क्षीणकाय, 
तू है नहीं व्यवसाय, 
 
तू उठ, 
तू उठ, 
तुझको है गरजना, 
तुझको है बरसना, 
तुझको ही, ये रूढ़िवाद तोड़ना ।
 
तू उठ, 
तू उठ, 
तू प्रहार कर, 
तोड़ दे दानवों का सर, 
तू ख़त्म कर इनका क़हर, 
 
हर जन तेरे साथ है, 
हर मन तेरे साथ है, 
सत्य भी तेरे हाथ है, 
 
तू उठ, 
तू उठ, 
तू प्रहार कर, 
बेड़ियों को तोड़कर, 
इन्हें चढ़ा दे सूलियों पर, 
 
तू उठ, 
तू उठ, 
तू हो अग्रसर, 
लेकर दुर्गा का रूप, दैत्यों पर वार कर 
तू उठ, तू प्रहार कर। 
तू उठ, तू प्रहार कर। 

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