सावन का त्यौहार: हरियाली तीज
डॉ. अंकिता गुप्ताझम झमा झम, छम छमा छम,
गरज रहे बादल हर दम।
फूलों की बहार, बारिश की बौछार,
लो आ गया है, सावन का त्यौहार।
हर तरफ़ है हरियाली,
चारों ओर है ख़ुशहाली।
खिल रही कोंपलें पेड़ों पर,
डल गए झूले डालियों पर।
चूड़ी, और पायल पहन कर,
सज रही बेटियाँ घर-घर।
हाथों में मेहँदी सजा कर,
चल दी सहेलियाँ टोली बना कर।
झूला झूल कर, घेवर खा कर,
चलो,
ख़ुशियाँ बाँटते है, हरियाली तीज मनाकर।
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