चल पार्टी करते हैं
डॉ. अंकिता गुप्ता
ख़ुशी यो या ग़म,
चल पार्टी करते हैं।
पार्टियों में होती है रम,
हाई होने के लिए साथी हैं संग,
शौक़ है उनको पीने का,
शौक़ है उनको धुएँ का,
नहीं पता है उन्हें कि क्या करना है
पर शौक़ है उनको हाई रहने का।
ओझल है सिगरेट के धुएँ में,
गुम है शराब के नशे में,
दूर हैं यथार्थ से,
दूर हैं अपनों के सच्चे एहसास से,
स्मैक लेना कूल समझते हैं,
अपने आप को सभी से दूर करते हैं।
मत करो अपने आप पर वार,
सिगरेट के बक्से पर बना है,
मौत का इश्तिहार,
दिलो-दिमाग़ को रोकता है,
नशे का सेवन,
ख़ुद को पहचान ने से टोकता है।
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