दशहरे का त्योहार
डॉ. अंकिता गुप्ता
सत्य से असत्य की हार का,
उजियारे से अँधियारे की हार का,
ये पर्व है दशहरा के त्योहार का,
ये पर्व है मन से रावण को मिटने का।
काम, क्रोध, लोभ, मोह, को हराने का,
द्वेष, घृणा, पक्षपात, धोखे को हराने का,
ये पर्व है अंहकार मन से हटाने का,
ये पर्व है अपने आप को खोजने का।
अच्छाई से बुराई की हार का,
प्रीत से नफ़रत की हार का,
ये पर्व है आपसी मतभेद मिटाने का,
ये पर्व है एकमत होकर साथ मनाने का।
न्याय से अन्याय की हार का,
सरलता से कुटिलता की हार का,
ये पर्व है समाज की कुरीतियों को मिटाने का,
ये पावन पर्व है दशहरा के त्योहार का।
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