सुकून की चाय

15-01-2025

सुकून की चाय

डॉ. अंकिता गुप्ता (अंक: 269, जनवरी द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

सुकून के कुछ पलों में, 
एक कप चाय, 
और ख़ुद से कुछ वार्तालाप हो जाये। 
 
कड़कड़ाती सर्दी में, 
एक कप चाय, 
और अख़बार की कुछ ख़बरें हो जायें। 
 
शॉल की गरमाहट में, 
एक कप चाय, 
और क्रिकेट की सुर्ख़ियाँ हो जायें। 
 
शाम को बालकनी में, 
एक कप चाय, 
और तुम्हारे साथ कुछ बातें हो जायें। 
 
इन सब ख़्वाहिशों में, 
एक कप चाय, 
और तुम्हारा साथ हो जाये, 
चलो, तुम और मैं, 
एक सुकून की चाय हो जाये। 

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