तू भी दुःखी है
ज़हीर अली सिद्दीक़ीरूठना गर तेरी फ़ितरत
सोचता हूँ कैसी आफ़त
होती थोड़ी फिर भी राहत
गर तेरा ग़ुस्सा हो रुख़सत॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
हैरत-ए-अंगेज़ फ़ितरत
ज़िंदगी कर रही कसरत
कसरत से सेहत सुधरती
यहाँ तो सेहत बिगड़ती॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
रूठते ही तेरा चेहरा
बदसूरती का विकराल सेहरा
बदसूरती में ख़ूबसूरती का पहरा
मुखड़े पर गर शरारत का पहरा॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
तेरे रूठते ही बाग़वां रूठा
ए कली मेरा दिल रूठा
दिल ए बाग़ में सिर्फ़ पतझड़ देखा
ज़िन्दगी का रंग ग़मगीन मैंने देखा॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
तू रूठी मानो अल्फ़ाज़ रूठे
ज़ुबां पर मायूसी के मंज़र टूटे
मासूमियत भरा मायूसी सफ़र
तेरे बिना बाग़ में जाऊँ किधर॥
रूठने से मैं दुःखी हूँ, मैं नहीं तू भी दुःखी है॥
42 टिप्पणियाँ
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Extremely well
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Really really very beautiful lines.Update more and more poems.I like yor thoughts bcz of it is based on realty.All the very best and i hope u'll becme a very famous writer soon.
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Nice poem.. keep it up.. hope to see many more!
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बहुत बढ़िया,सही बात है जब भी कोई व्यक्ति परस्पर प्रेम करते हैंं और किसी बात को लेकर यदि कोई रूठ जाता है तो एक को ही नहीं दोनों को दुख होता है।धन्यवाद ऐसी रचना के लिए
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काफी अच्छी पंक्तियाँ है Zaheer Bhai... वाकई में रूठने के इंसान और कुंठित हो जाता है । रूठने से इंसान के ऊपर और भी ज्यादा मानसिक दवाब बनता है।
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काफी अच्छी पंक्तिया है Zaheer Bhai... वाकई रूठने से इंसान और कुंठित हो जाता है ।
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Superb Bhaiya
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Wahh re Siddiqui sahab...bahute hi bdhiya likhe ho
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Ati sundar
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Very good
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Great
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Good work!!!
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Good work!!!
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Awesome brother keep it up
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ये रूठना , मनाना अदाएँ हैं मोहब्बत की चटपटा न हो तो खाने में मज़ा क्या है ?
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शब्दों का चयन एवं उनकी गहराई
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Zahir very nice poetry. Keep updating.
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Amazed to read the way words were put so beautifully. Epic piece of writing.
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Nice!
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कसरत से सेहत सुधरती यहाँ तो सेहत बिगड़ती। क्या शब्दो का तरीके से बाँधा है। रूठने से में भी दुखी हूं में नही तुम .... अनुभव भी है लग रहा प्रेम का। मार्मिक प्रेमरस।
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Nice!
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दिल और मन तक उतर जाने वाली कविताएं।बहुत बहुत धन्यवाद् आपको ये संरचना हम तक पहुंचाने के लिए। उपर वाला आपको और बरकत दे।
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Nice lines !!.....it seems that you expressed important phase of life .
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दिल गदगद हो गया यह प्रेम प्रसंग पढ़कर.. आगे बढ़ते रहिए और इंतजार है आपकी कविताओं का...
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दिल और मन तक उतर जाने वाली कविताएं। बहुत बहुत धन्यवाद आपको ये संरचना हम तक पहुंचने के लिए। उपर वाला आपको और बरकत दे।
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अल्फ़ाज़ ना रूठे आपसे कभी, कविताएं आपकी आती रहे!!! Nice Lines... Liked It
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Expressive and deeply intricated with emotions. That's how life spins around emotional dilemmas.. Best wishes Zahir.. I'm waiting for next poem..
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Awesome Deep meaning with humor side too
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Each and every line are finely written and executed. Excellent ine. Guruji
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Nice Zaheer keep it up....
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Very nice Zaheer..... Zaheer ji ..aapki poetry aapka talent Zahir krr rhi h...
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Nice lines, deep Meaningful.
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Nice
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Nice quote
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Amazing Dr.Zaheer
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Fine lines with deep meanings
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it was really cool how the language you used at the end was mirroring what you said in the beginning.
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बहुत सुंदर साहब जी।
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Excellent .....!!
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Really really very beautiful lines.Update more and more poems.I like yor thoughts bcz of it is based on realty.All the very best and i hope u'll becme a very famous writer among us.
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Sirf mai nahi tu bhi Awesome lines
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Nice one
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