सरस्वती वंदना
संगीता राजपूत ‘श्यामा’
अथ श्री सरस्वती वंदना
अथ श्री बागेश्वरी वंदना
श्वेत कमल के आसन बैठी
वीणा की करे झंकार
ज्ञान का अंजन लगा दो माता
हम बालक करें पुकार
नमामि मात शारदे . . .
ज्ञान की बहे बयार जगत में
जले मन व्योम में दीप
सुसंगत के संग रहें हम
ज्यों मोती का आसन सीप
नमामि मात शारदे . . .
संस्कृति का अपने मान बढ़ाएँ
वाणी पर हो अधिकार
शुभ मति से कर्म करें सब
होवे सत्य की जय जयकार
नमामि मात शारदे . . .
देश का हर बालक हो शिक्षित
हे विमले! ऐसा वर दो
कनक सम फैले कान्ति
स्वर शिक्षित भर दो
नमामि मात शारदे . . .
संगीता राजपूत 'श्यामा '