मैं हूँ मज़दूर

15-10-2023

मैं हूँ मज़दूर

नरेन्द्र सोनकर ‘कुमार सोनकरन’ (अंक: 239, अक्टूबर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

ख़ाली पेट 
सुबह से शाम
आराम हराम
काम काम काम
 
अंतड़ियों में पेट
धँसा निढाल
शेष अवशेष 
झूर कंकाल
 
न मांस न हांड़
सिर पर भार
बोझों का पहाड़
उठाता काँपता
ढ़ोता हाँफता 
रोटी को लालायित 
बेबस मजबूर
मैं हूँ मज़दूर!! 

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