कविता मेहरा गई है 

15-07-2022

कविता मेहरा गई है 

डॉ. मनोज मोक्षेंद्र (अंक: 209, जुलाई द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

आँसुओं से 
कविता मेहरा गई है 
 
रुलाहट से 
कविता बहरा गई है 
 
दुःख से
कविता पथरा गई है 
 
सच से 
कविता गूँगी हो गई है 
 
अब क्या करें 
जब कविता 
किसी लायक़ ही नहीं रही? 

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