हम में—तुम में फ़र्क़

15-05-2022

हम में—तुम में फ़र्क़

डॉ. मनोज मोक्षेंद्र (अंक: 205, मई द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

पता चला है–
वे हमारी ही नस्ल के हैं, 
पर, हमारा ख़ून लाल 
और उनका काला कैसे, 
हमारा तन हड्डियों के सहारे खड़ा है 
उनका गनों और तोपों के सहारे, 
वे दिखते तो हम जैसे हैं 
लेकिन उनके पुरखे तलवार और ख़ंजर कैसे हुए 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

पुस्तक समीक्षा
कार्यक्रम रिपोर्ट
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
साहित्यिक आलेख
कहानी
लघुकथा
ललित निबन्ध
किशोर साहित्य कहानी
कविता
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में