हम में—तुम में फ़र्क़
डॉ. मनोज मोक्षेंद्रपता चला है–
वे हमारी ही नस्ल के हैं,
पर, हमारा ख़ून लाल
और उनका काला कैसे,
हमारा तन हड्डियों के सहारे खड़ा है
उनका गनों और तोपों के सहारे,
वे दिखते तो हम जैसे हैं
लेकिन उनके पुरखे तलवार और ख़ंजर कैसे हुए