मेरे देश की कन्या

24-03-2007

मेरे देश की कन्या

डॉ. मधु सन्धु

मेरे देश की कन्या
महामाया थी
जो कंसों द्वारा पटके जाने पर
बिजली बन
आकाश में लीन हो जाती थी।
किन्तु
वध और 
वध की साजिश में संलिप्त
कंस, नंद, वसुदेव 
जैसे लोगों पर 
वह बिजली 
कभी नहीं गिरती थी।

 

मेरे देश की पत्नी
सावित्री थी
जो अल्पायु सत्यवान के लिए
यमराज से 
दीर्घायु माँग सकती थी
क्योंकि वह
वैधव्य के शापों से,
यातनाओं से परिचित थी।

 

मेरे देश की प्रेयसी 
राधा थी,
जो रुक्मणि और
सोलह हज़ार गोपियों से 
अपनी अलग पहचान रखती थी 
किशोर रंगरलियों की
साक्षी थी।
समझदार इतनी कि
प्रेयसी से पत्नी बनने की मूर्खता 
नहीं कर सकती थी।

 

मेरे देश की स्त्री
इन्द्र के बलात्कार और
गौतम के शाप की शिकार 
अहल्या थी
जो पत्थर बन सकती थी
क्योंकि 
उसे मालूम था कि
राजन्याय मिलता
तो भंवरीबाई से अलग नहीं होता

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