वासंती ऋतु हुई शराबी होली में

15-03-2023

वासंती ऋतु हुई शराबी होली में

तेजपाल सिंह ’तेज’  (अंक: 225, मार्च द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

वासंती ऋतु हुई शराबी होली में, 
ख़ाकर भाँग सुबह इठलायी होली में। 
 
बटन खोल तहज़ीब नाचती सड़कों पर, 
हुआ आचरण धुआँ दीवानी होली में। 
 
सबके सिर पर राजनीति का रंग चढ़ा, 
सियासत ने यूँ धाक जमायी होली में। 
 
आदर्शवादिता और सभ्यता मानव की, 
सिर पे धरके पाँव नाचती होली में। 
 
धनवानों की होली बेशक होली है, 
भूखों ने पर ख़ाक उड़ायी होली में। 
 
प्रेमचन्द की धनिया बैठी सिसक रही, 
जैसे-तैसे लाज बचायी होली में।

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