उस रात के बाद
अंकुर मिश्रा
उस रात के बाद फिर वो रात नहीं आई
इन होंठों पे फिर कभी वो बात नहीं आई
उनसे मिल के टूट गया भरम मोहब्बत का भी
मेरे हिस्से कभी कोई सौग़ात नहीं आई
मैं माँगता रहा दुआओं में नजात ज़िंदगी से मगर
जानें क्यों इस लाश को कभी मौत नहीं आई