अच्छा ख़ासा हुआ करता था
अंकुर मिश्रा
अच्छा ख़ासा हुआ करता था
मैं भी कभी जिया करता था
इन आँखों में भी थे ख़्वाब ज़िंदगी के
सपने मैं भी देखा करता था
होने से पहले इश्क़ उस बेवफ़ा से
मोहब्बत मैं भी ख़ुद से किया करता था
अच्छा ख़ासा हुआ करता था
मैं भी कभी जिया करता था
इन आँखों में भी थे ख़्वाब ज़िंदगी के
सपने मैं भी देखा करता था
होने से पहले इश्क़ उस बेवफ़ा से
मोहब्बत मैं भी ख़ुद से किया करता था