इश्क़ में
अंकुर मिश्रा
इश्क़ में जुदाई नहीं होती
मोहब्बत में रुस्वाई नहीं होती
ये तो सौग़ात-ए-उल्फ़त है जाना
आग ये बुझाई नहीं जाती
लोग छोड़ देंगे करना इश्क़ किसी से
बात ये ज़ुबाँ पे लाई नहीं जाती
इश्क़ में जुदाई नहीं होती
मोहब्बत में रुस्वाई नहीं होती
ये तो सौग़ात-ए-उल्फ़त है जाना
आग ये बुझाई नहीं जाती
लोग छोड़ देंगे करना इश्क़ किसी से
बात ये ज़ुबाँ पे लाई नहीं जाती