किरदार

अंकुर मिश्रा (अंक: 237, सितम्बर द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

अपनी कहानी का मैं भी 
एक अजब ही किरदार हूँ
 
ख़ुद से ही लड़ता रहता हूँ
ख़ुद से ही बेज़ार हूँ
 
नोंच नोंच के जिस्म अपना
घाव रूह पे कर लिया है 
 
बस मिल जाए कोई कांधा देने वाला 
मैं तो अब मरने को भी तैयार हूँ

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