लक्की साड़ी

15-05-2023

लक्की साड़ी

वन्दना पुरोहित (अंक: 229, मई द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

 

विनीता ने आज एल्बम खोला तो पुरानी कॉलेज के जमाने की फोटो जो सहेलियों के साथ खिंचवाई थी देखते ही पुरानी कई मीठी यादें ताज़ा हो गईं। 

कॉलेज की फ़ेयरवेल के लिए हम सभी सहेलियाँ बहुत ही रोमांचित थी पर कॉलेज में फ़ेयरवेल का ड्रेस कोड साड़ी बताया गया सो टेंशन हो गई। कॉलेज से घर पहुँची तो माँ से विनीता ने कहा “क्या माँ कॉलेज में फ़ेयरवेल का ड्रेस कोड साड़ी रखा है, मुझे साड़ी नहीं पसंद, सँभलेगी भी नहीं और फिर ऊपर से रैंप वॉक भी है।”

माँ बोली, “बेटा, साड़ी तो हमारी भारतीय नारी का मुख्य पहनावा है, देखना जींस सूट से भी ज़्यादा उसमें सुंदर लगोगी। विन्नी!” 

माँ ने अपनी अलमारी खोलकर साड़ी चुनने का कहा तभी विनीता की नज़र माँ की साउथ सिल्क की साड़ी पर पड़ी जो पापा माँ के लिए बर्थ-डे पर लाए थे। माँ ने एक बार ही पहनी थी। 

विनीता ने कहा, “माँ ये पहनूँ पर ये तो एकदम नयी है।”

माँ बोली, “तू भी तो पहली बार साड़ी पहनेगी। पहन ले बहुत सुंदर लगेगी।” 

उस दिन सभी सहेलियाँ प्रीति के घर ही तैयार हुईं थीं और एक दूसरे को बड़े चाव से तैयार होने में मदद कर रहीं थीं। उन्हें लग रहा था हम सब में से कोई तो हो जो कॉलेज की फ़ेयरवेल पार्टी में होने वाले रैंप वॉक में फ़र्स्ट आए। सभी ने तैयार होकर टैक्सी से जाने का तय किया। जैसे ही प्रीति के घर से बाहर निकले चलती रोड थी इसलिए दो टैक्सी में सभी सहेलियाँ बैठकर कॉलेज पहुँच गईं। 

अब वहाँ सभी लड़कियाँ एक से बढ़कर एक ख़ूबसूरत थीं। फ़ेयरवेल पार्टी का मुख्य प्रोग्राम रैंप वॉक था जिसके लिए सभी रोमांचित थी। प्रोग्राम शुरू हुआ तो विनीता की धड़कन तेज़ होने लगी क्योंकि फ़्रेंड्स के ग्रुप में सभी को उसी से आशा थी। जैसे ही विनीता का नंबर आया स्टेज पर चढ़ते ही तालियों की गड़गड़ाहट से हॉल गूँज उठा बड़े सलीक़े से उसने रैंप वॉक किया। लंबी चोटी, छरहरी काया और विनीता के ग़ौर वर्ण पर वो पीली साउथ सिल्क की साड़ी स्वर्णिम आभा बिखेर रही थी। विनीता उस दिन बला की ख़ूबसूरत लग रही थी। उसकी नज़ाकत और सौंदर्य को देखकर आज कोई भी उस पर फ़िदा हुए बिना नहीं रहता तो प्रतियोगिता के निर्णायकों को नंबर देने ही थे। 150 लड़कियों के रैंप वॉक में जब भी विनीता का नाम फ़र्स्ट पोज़ीशन पर आया तो सभी सहेलियों ने विनीता . . . विनीता . . .!! ज़ोर से हूटिंग कर परिसर में उसका नाम गुंजा दिया था। ट्रॉफी के साथ ताज पहनाकर उसको ब्यूटी क्वीन से नवाज़ा गया था। सभी उसकी ख़ूबसूरती के चर्चे कर रहे थे सो वह अपने आप में फूली न समा रही थी। सभी सहेलियाँ बहुत ख़ुश थीं कि उनके ग्रुप में से ही ब्यूटी क्वीन चुनी गई। उस दिन कॉलेज से जाते हुए सभी सहेलियों ने मिलकर एक ग्रुप फोटो और अपना अपना एक सिंगल फोटो भी स्टुडियो से खिंचवाया था। 

कॉलेज के दिन भी निकल गए। रिज़ल्ट आ गया और विनीता को डिग्री मिल गई। अब कॉलेज की डिग्री होने के बाद घर में रिश्ते की बातें होने लगी तो वही फ़ेयरवेल वाली फोटो भेजी गई। 

बरसती बारिश और सुहाने मौसम में जब रीना और अनिल (ननंद-नंदोई) ने घर जाकर विनीता की फोटो अपने भाई सुरेंद्र को दिखाई तो फोटो देखते ही सुरेंद्र ने कहा दीदी, कैसे भी हो मुझे तो शादी विनीता से करनी है। रीना तो यही चाहती थी कि मेरे छोटे भाई के प्यारी सी दुल्हनिया आए उसने ससुराल जाकर ससुर जी को पूरी बात बताई कि उनके भाई को विनीता बहुत पसंद आई तो उन्होंने अपने मित्र से बात कर विनीता और सुरेंद्र की शादी के बारे में बात की और थोड़े ही दिनों में शादी धूमधाम से हो गई। सुरेंद्र और विनीता की जोड़ी ख़ूब जम रही थी। 

आज एल्बम से अपनी फोटो को उठाकर उसने चूम लिया कि यह मेंरी माँ की साड़ी मेरे लिए बहुत ही लक्की है जिसने कॉलेज और जीवन दोनों में मुझे सही स्थान पर पहुँचाया। अब माँ की याद आ रही थी तो विनीता ने जल्दी से उठ कर माँ को फोन लगाया और उसी प्यार और आशीर्वाद के बोल सुन अपनी पुरानी यादों को फिर जीवंत कर लिया। 

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