बीत गया वर्ष

01-01-2023

बीत गया वर्ष

वन्दना पुरोहित (अंक: 220, जनवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

न जाने किस ऊहा पोह में
बीत गया वर्ष। 
 
कुछ स्वप्न
अधूरे
कुछ पूरे
कह चला
अलविदा। 
 
नई आशाओं
नई उम्मीदों को जगाने
आया नव वर्ष। 
 
अपने संग लाया
ख़ुशियों के कुछ रंग। 
उम्मीदों का रंगीन
होगा आसमां, 
आशाओं से खिलेगा
हर चेहरा। 

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